दुम्दमा झील: उत्तर प्रदेश का भयंकर रहस्यमयी स्थल
परिचय:
'दुम्दमा झील' उत्तर प्रदेश राज्य के कानपुर जिले में स्थित एक प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर स्थल है। यह झील वनस्पति, पशु-पक्षियों और वातावरण के आकर्षण के साथ-साथ अपनी डरावनी कहानियों के लिए भी प्रसिद्ध है।
स्थान:
दुम्दमा झील कानपुर से लगभग ३० किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह झील गंगा नदी के किनारे फैली हुई है और यहाँ के पास कुछ छोटे-छोटे द्वीप भी हैं, जिन्हें स्थानीय लोग 'ड्यूम्डम' कहते हैं।
प्राकृतिक सौंदर्य:
दुम्दमा झील का प्राकृतिक सौंदर्य अत्यंत प्रभावशाली है। यहाँ के पानी का रंग नीला होने के कारण झील का प्रतिबिम्ब अत्यधिक मनमोहक होता है। पानी की सतह पर सांध्यकाल में प्रकाशित होने वाले सूर्य की किरनें वातावरण को एक आलंब रूप देती हैं, जिससे दृश्य और भी मग्न होता है। यहाँ के आस-पास की घनी वनस्पतियों ने इसे एक प्राकृतिक उपमा के रूप में बना दिया है।
धार्मिक महत्व:
दुम्दमा झील के किनारे कई प्राचीन मंदिर हैं, जिनमें धार्मिक उत्सव और महोत्सव आयोजित किए जाते हैं। यहाँ के एक प्रमुख मंदिर में 'दुम्दमा माता' की पूजा की जाती है, जो इस स्थल का नामकरण करती हैं। धार्मिक दर्शनियों के लिए यह एक महत्वपूर्ण स्थल है और उन्हें आत्मा को शांति और सुकून प्राप्त करने का अवसर प्रदान करता है।
डरावनी कहानियां:
दुम्दमा झील के चारों ओर एक और रहस्यमयी पहलू है - इसकी डरावनी कहानियां। कहते हैं कि यहाँ रात्रि के समय चांदनी रात होती है, तो झील के किनारे अचानक अजीब चीखें सुनाई देती हैं और झील के चारों ओर अद्वितीय आवाज़ें सुनाई देती हैं। लोग कहते हैं कि यहाँ भूतों की आत्माएँ घूमती हैं और इसके कारण रात्रि को लोग यहाँ आने से बचते हैं।
वन्यजीव और पक्षियां:
दुम्दमा झील वन्यजीवों और पक्षियों के लिए भी एक आकर्षण स
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें